झारखण्ड का इतिहास (महत्वपूर्ण नामकरण) | History of Jharkhand (important naming)

झारखण्ड का इतिहास (महत्वपूर्ण नामकरण)
History of Jharkhand (important naming)
महत्वपूर्ण नामकरण :
  • झारखण्ड शब्द का प्रथम पुरातात्विक उल्लेख 13वीं सदी के एक ताम्रपत्र में मिलता है ।
  • 'झारखण्ड' का शाब्दिक अर्थ है : वन प्रदेश 
  • झारखण्ड क्षेत्र का सर्वप्रथम उल्लेख ऐतरेय ब्राह्मण में मिलता है।
  • ऐतरेय ब्राह्मण में झारखण्ड पुणड्र या पुण्ड नाम से पुकारा गया है।
  • वायु पुराण में झारखण्ड को मुरण्ड कहा गया है।
  • विष्णु पुराण में झारखण्ड को मुंड कहा गया है।
  • महाभारत काल में छोटा नागपुर क्षेत्र को पुंडरिक देश एवं पशु-भूमि  से जाना जाता था।
  • भागवत पुराण में झारखण्ड को कीकट प्रदेश नाम से जाना जाता था।
  • चीनी यात्री फाह्यान ने 399 इसा में अपने पुस्तक में छोटा नागपुर को कुक्कुट-लाड कहा है।
  • चीनी यात्री फाह्यान चन्द्रगुप्त || विक्रमादित्य के राज्य काल में भारत समेत झारखण्ड क्षेत्र की यात्रा की थी।
  • टॉलमी द्वारा झारखण्ड को मुंडल शब्द से संबोधित किया गया है।
  • ह्वेनसांग ने झारखणड के लिए की-लो-ना-सु-फा-ला-ना शब्द का प्रयोग किया है।
  • मलिक मोहम्मद जायसी के पद्मावत ग्रन्थ में झारखणड शब्द का उल्लेेेख मिलता है।
  • मुग़ल सल्तनत के दौरान इस प्रदेश को कुकरा/खुखरा प्रदेश के नाम से जाना गया है।
  • अबुल फजल कृत अकबरनामा में छोटानागपुर क्षेत्र  को झारखण्ड कहा गया है।
  • जहाँगीर ने अपनी आत्म कथा तुजुक-ए-जहाँगीर में झारखणड के लिए खोखरा शब्द का  प्रयोग किया है।
  • आइने अकबरी में झारखणड को कोकरा तथा खँकारह कहा गया है।
  • समुद्रगुप्त की प्रयाग-प्रशस्ति में छोटानागपुर को मुरुंड देश नाम से पुकारा गया है।
  • चीनी यात्री ह्वेनसांग ने राजमहल क्षेत्र को कि-चिंग-काई-लॉ नाम से संबोधित  किया है।
  • संथाल परागना को प्रचीन काल में नरीखंड तथा कांकजोल के नाम से संबोधित किया गया है।
  • पूर्व मध्यकालीन साहित्य में झारखणड को कलिन्द देश कहा गया  हैै।
  • कबीर दास के दोहे में झारखणड शब्द का उल्लेेेख मिलता है।
  • शाहवाज खाँ और अब्दुल हई ने माथिर-उल-उमरा में झारखणड क्षेत्र के लिए कोकरह शब्द का  प्रयोग  किया है।
  • बहारिस्तान-ए-गौबो के लेखक मिर्जा नाथन ने झारखणड क्षेत्र को कुकरा देश नाम सेे संबोधित  किया है।
  • राँची जिला का प्रचीन नाम कोकरह, चुटिया नागपुर तथा विलकिन्सनगंज/किसुनपुर था।
  • चुटिया नागपुर से छोटानागपुर शब्द अपभ्रंश होकर निकला ।
  • जे.एच. हेविट ने इस क्षेत्र को चुटिया नागपुर कहा।
  • कौटिल्य (चाणक्य) के ग्रन्थ अर्थशास्त्र में झारखण्ड को कुकुटदेश नाम से पुकारा गया है।
  • मौर्यो के काल में झारखण्ड क्षेत्र को कुकुट कहा जाता था।
  • अशोक ने अपने तेरहवें शिलालेख में झारखण्ड क्षेत्र को आटविक क्षेत्र कहा था।
  • आईने अकबरी में लोहरदगा का उल्लेख किस्मते लोहरदगा के रूप में हुआ है।
  • जैन साहित्य में लोहरदगा को लोहारगंज कहा गया है।

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